मोह तोड़ कर सबसे अपना, घर को सुना कर के चला गया। मोह तोड़ कर सबसे अपना, घर को सुना कर के चला गया।
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
भाई और बहन के अनमोल रिश्ते के बारे में एक कविता...। भाई और बहन के अनमोल रिश्ते के बारे में एक कविता...।
भाई के लिए एक कविता...। भाई के लिए एक कविता...।
तुम हमेशा खुश रहो, राखी भले ही बहन मेरी कच्चे धागे की हो । तुम हमेशा खुश रहो, राखी भले ही बहन मेरी कच्चे धागे की हो ।
फिर बहन बोली छोड़ो भाई कल तो रक्षा बन्धन है आओ कल दिन हमारा है और बेवजह यह रूदन है ।। फिर बहन बोली छोड़ो भाई कल तो रक्षा बन्धन है आओ कल दिन हमारा है और बेवजह यह रू...